गीली आँखों से उनके मैं थोड़ा पानी लाया हूँ, धड़कते दिल से उनके साँसों की रवानी लाया हूँ, और लाया हूँ कुछ एहसास उन आँखों से, चुरा के सुनाने महफ़िल में मोहब्बत की कहानी लाया हूँ ।
अजीब नशा है होशियार रहना चाहता हूँ, मैं उसके ख्वाब में बेदार रहना चाहता हूँ, ये मौज-ए- ताजा मेरी तिश्नगी का वहम सही, मैं इस शराब में शरोसार रहना चाहता हूँ।
दर्द दे कर इश्क़ ने हमे रुला दिया, जिस पर मरते थे उसने ही हमे भुला दिया, हम तो उनकी यादों में ही जी लेते थे, मगर उन्होने तो यादों में ही ज़हेर मिला दिया।