ना कर तमन्ना किसी को पाने की
ना कर तमन्ना किसी को पाने की,
बड़ी वे दर्द निगाहें हैं इस जमाने की,
खुद को बना लो दोस्तो इतना काबिल,
कि सारा जहाँ तमन्ना करे तुम्हें पाने की।
बड़ी वे दर्द निगाहें हैं इस जमाने की,
खुद को बना लो दोस्तो इतना काबिल,
कि सारा जहाँ तमन्ना करे तुम्हें पाने की।
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