ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते हैं,

ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते हैं,
जहाँ में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते हैं,
मुझे कोई और जन्नत का नहीं पता,
क्योंकि हम माँ के कदमों को ही जन्नत समझते हैं।

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