जब राहों में मुश्किलें बढ़ने लगें
जब राहों में मुश्किलें बढ़ने लगें,
और लोग भी तुमसे जलने लगें,
तब घबराना नहीं बस इतना सोचना कि,
अब सच में तुम्हारे कदम मंजिल की ओर बढ़ने लगें।
और लोग भी तुमसे जलने लगें,
तब घबराना नहीं बस इतना सोचना कि,
अब सच में तुम्हारे कदम मंजिल की ओर बढ़ने लगें।
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