फूलों की तरह मुस्कराते रहिये,

फूलों की तरह मुस्कराते रहिये,
भंवरों की तरह गुनगुनाते रहिये,
चुप रहने से रिश्ते भी उदास हो जाते हैं,
कुछ उनकी सुनिये कुछ अपनी सुनाते रहिये,
भूल जाइये शिकवे शिकायतों के पलों को,
और छोटी-छोटी खुशियों के मोती लुटाते रहिये।

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