समेटो सितारों को हाँथों में अपने
समेटो सितारों को हाँथों में अपने,
बहुत दूर तक रात ही रात होगी,
मुसाफिर हैं हम भी मुसाफिर हो तुम भी,
कहीं ना कहीं फिर मुलाकात होगी।
बहुत दूर तक रात ही रात होगी,
मुसाफिर हैं हम भी मुसाफिर हो तुम भी,
कहीं ना कहीं फिर मुलाकात होगी।
Comments