क्यों तुम मेरे ख्यालों में आकर चली जाती हो
क्यों तुम मेरे ख्यालों में आकर चली जाती हो,
अपनी जुल्फों को बिखराकर चली जाती हो,
रग रग में उमड़ आता हैतूफान हुस्न का,
तुम जो फूल सा मुस्कुराकर चली जाती हो।
अपनी जुल्फों को बिखराकर चली जाती हो,
रग रग में उमड़ आता हैतूफान हुस्न का,
तुम जो फूल सा मुस्कुराकर चली जाती हो।
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