कोई मिला हमें चाँद की चाँदनी बनकर

कोई मिला हमें चाँद की चाँदनी बनकर,
कोई मिला परियों की कहानी बनकर,
पर जिस किसी को पलकों में बसाया हमने,
वो निकल गया आँख से पानी बनकर।

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