बर्षों गुजर गये रोकर नहीं देखा
बर्षों गुजर गये रोकर नहीं देखा,
आँखों में नींद है मगर सोकर नहीं देखा,
वो क्या जाने दर्द मोहब्बत का,
जिसने कभी किसी का होकर नहीं देखा।
आँखों में नींद है मगर सोकर नहीं देखा,
वो क्या जाने दर्द मोहब्बत का,
जिसने कभी किसी का होकर नहीं देखा।
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