जो जी न सके तो जीने की तमन्ना छोड़ दे
जो जी न सके तो जीने की तमन्ना छोड़ दे,
बहते-बहते रूक जाए वो दरिया छोड़ दे,
फूल था मैं तुमने मुझे काँटा बना दिया,
और अब काँटे से कहते हो कि चुभना छोड़ दे।
बहते-बहते रूक जाए वो दरिया छोड़ दे,
फूल था मैं तुमने मुझे काँटा बना दिया,
और अब काँटे से कहते हो कि चुभना छोड़ दे।
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