पत्थरों में भी फूल खिल जाते हैं
पत्थरों में भी फूल खिल जाते हैं,
अनजाने भी अपने हो जाते हैं,
इस कातिल दुनियाँ में कुछ लाशों को कफन तक नसीब नहीं होते,
तो कुछ लाशों पर ताजमहल बन जाते हैं।
अनजाने भी अपने हो जाते हैं,
इस कातिल दुनियाँ में कुछ लाशों को कफन तक नसीब नहीं होते,
तो कुछ लाशों पर ताजमहल बन जाते हैं।
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