कुदरत के करिश्मे में अगर रात ना होती
कुदरत के करिश्मे में अगर रात ना होती,
तो ख्वाबों में यूँ मुलाकात ना होती,
हर रिस्ते की वज़ह ये दिल ही है,
अगर ये दिल ना होता कोई बात ही ना होती।
तो ख्वाबों में यूँ मुलाकात ना होती,
हर रिस्ते की वज़ह ये दिल ही है,
अगर ये दिल ना होता कोई बात ही ना होती।
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