वादियों से सूरज निकल आया है,
वादियों से सूरज निकल आया है,
फिज़ाओं में नया रंग छाया है,
खामोश क्यूँ हो अब तो मुस्कराओ,
आपकी मुस्कान देखने ही सूरज निकल आया है।
फिज़ाओं में नया रंग छाया है,
खामोश क्यूँ हो अब तो मुस्कराओ,
आपकी मुस्कान देखने ही सूरज निकल आया है।
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