हर पल याद आती हैं बेटियाँ

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आज आपके लिए बहुत प्यारी स्टोरी है, जिसका Topic है-

                  हर पल याद आती हैं बेटियाँ

सोचो दोस्तो कि एक बेटी ही होती है जो आपनो से जन्म लेने के बाद भी अपनो के लिए पराई होती है।
हर किसी को पता है कि शादी के बाद पहले दिन पति और पत्नी के बीच एक शर्त रखी जाती है कि आज किसी के लिए भी दरवाजा नहीं खोला जायेगा,उसी दिन उस लड़के के माता-पिता आये और दरवाजा खटखटाया पति-पत्नी एक दूसरे की तरफ देखते हैं।
पति अपने माता-पिता के लिए दरवाजा खोलना चाहता है,लेकिन पति को उनकी शर्त याद आ जाती है।
वह दरवाजा नहीं खोलता है तो उसके माता-पिता कुछ देर बाद वापस चले जाते हैं।
कुछ देर बाद उसी दिन उस लड़की के माता-पिता आते हैं और अंदर जाने के लिए दरवाजा खटखटाते हैं,पति-पत्नी फिर एक दूसरे की तरफ देखते हैं और फिर वो दोनों अपनी शर्त याद रखते हैं।
पत्नी के आँखों में आँसू आ जाते हैं वो अपने आँसू पोंछते हुए कहती है कि मैं अपने माता-पिता के लिए ऐसा नहीं कर सकती और वो दरवाजा खोल देती है,पति कुछ नहीं कहता है।
कुछ समय बाद उनके दो पुत्र जन्म लेते हैं,इसके बाद उनको तीसरा बच्चा होता है जो बेटी होती है।
वह पति अपनी बेटी के जन्म पर एक बहुत बड़ी शानदार पार्टी का आयोजन करता है और अपने सभी दोस्तों व रिश्तेदारों को बुलाता है,फिर उसकी पत्नी उससे पूँछती है कि क्या कारण था की आपने बेटी के जन्म पर इतनी बड़ी पार्टी का आयोजन किया है।
जबकि इससे पहले दोनों बेटों के जन्म पर ऐसा कुछ नहीं किया है
पति बड़े प्यार से उत्तर देता है,क्योंकि यही वो है जो मेरे लिए एक दिन दरवाजा खोलेगी।
बेटियाँ बहुत स्पेशल होती हैं। आपकी बेटी भले ही आपके साथ कुछ समय के लिए ही रहे, लेकिन उसका दिल और प्यार हमेशा अपने माता-पिता के लिए रहता है,कहते हैं बेटा भाग्य से होता है लेकिन बेटी हर किसी को नहीं होती बेटी सौ भाग्य से होती है।
दोस्तों बेटी से घृणा नहीं प्यार करें-
सुख-दुख का साथ निभाती हैं बेटियाँ,
हर दुख को बाँट लेती हैं बेटियाँ,
ठण्ड हो या गर्मी हो हर मौसम में साथ देती हैं बेटियाँ,
हर पल याद आती हैं बेटियाँ।
      खाना बनाते अगर हाथ जल जाये फिर भी खिलाती हैं बेटियाँ,
       कभी हँसाती तो कभी रूलाती हैं बेटियाँ,
      अपनी होने पर भी पराई हो जाती हैं बेटियाँ,
       हर पल बहुत याद आती हैं बेटियाँ।
एक नहीं दो-दो घर को संभाल लेती हैं बेटियाँ,
लड़कों पे तो खुद का बोझ संभलता नहीं,
पर पूरे परिवार का बोझ संभाल लेती हैं बेटियाँ,
हर पल बहुत याद आती है बेटियाँ।
        जब-जब उम्र ढलती है बहुत याद आती हैं बेटियाँ,
        कर वो बचपना याद रो आती हैं बेटियाँ,
        फिर भी नहीं हारती भागी-भागी आती हैं बेटियाँ,
        हर पल बहुत याद आती हैं बेटियाँ।
स्टोरी अच्छी लगी हो तो Comment में जबाव जरूर दे, ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए पढ़ते रहें 9masti.blogspot.com 

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