जमाने भर में मिलते हैं आशिक कई

जमाने भर में मिलते हैं आशिक कई,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता,
सोने में लिपट मरे शासक कई,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफन नहीं होता।
Jai hind.

Comments

Popular posts from this blog

उम्मीदों के आगे टूट जाना अच्छा नहीं लगता