शक का कोई ईलाज नहीं होता
शक का कोई ईलाज नहीं होता,
यकीं करता है कभी नाराज नहीं होता,
वो पूछते हैं हमसे कितना प्यार करते हो,
उन्हें क्या पता मोहब्बत का कोई हिसाब नहीं होता।
यकीं करता है कभी नाराज नहीं होता,
वो पूछते हैं हमसे कितना प्यार करते हो,
उन्हें क्या पता मोहब्बत का कोई हिसाब नहीं होता।
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