खुदा से कोई बात अन्जान नहीं होती,
खुदा से कोई बात अन्जान नहीं होती,
इंसान की बन्दगी बेईमान नहीं होती,
कभी तो माँगा होगा हमने भी इक प्यारा सा दोस्त,
वरना युँहि हमारी आपसे पहचान नहीं होती।
इंसान की बन्दगी बेईमान नहीं होती,
कभी तो माँगा होगा हमने भी इक प्यारा सा दोस्त,
वरना युँहि हमारी आपसे पहचान नहीं होती।
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