जब टूटने लगे हौंसले तो याद रखना
जब टूटने लगे हौंसले तो याद रखना,
बिना मेहनत के तख्तो ताज़ नहीं मिलते,
ढूंढ लेते हैं अंधेरों में भी मंजिल अपनी,
क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मौहताज नहीं होते ।
बिना मेहनत के तख्तो ताज़ नहीं मिलते,
ढूंढ लेते हैं अंधेरों में भी मंजिल अपनी,
क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मौहताज नहीं होते ।
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