इंसान ना कुछ हंसकर सीखता....

इंसान ना कुछ हंसकर सीखता है ना रोकर सीखता है,
जब भी कुछ अलग सीखता है तो,
या तो किसी का होकर सीखता है,
या किसी को खोकर सीखता है।

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