ये आरजू नहीं किसी को भूलायें हम
ये आरजू नहीं किसी को भूलायें हम,
ना तमन्ना है किली को रूलायें हम,
पर दुआ है उस रब से की,
जिसे जितना याद करते हैं उसको उतना याद आयें हम।
ना तमन्ना है किली को रूलायें हम,
पर दुआ है उस रब से की,
जिसे जितना याद करते हैं उसको उतना याद आयें हम।
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