न जिद है न कोई गरूर है हमें

न जिद है न कोई गरूर है हमें,
बस तुम्हें पाने का सुरूर है हमें,
इश्क गुनाह है तो गलती की हमने,
सजा जो भी हो मंजूर है हमें।

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