उलझी शाम को पाने की जिद ना करो

उलझी शाम को पाने की जिद ना करो,
जो न हो आपना उसे अपनाने की जिद न करो,
इस समंदर में तूफान बहुत आते हैं,
इसके साहिल पर घर बनाने की जिद न करो।

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