कदम छोटे हों तो कोई फर्क नहीं पड़ता
कदम छोटे हों तो कोई फर्क नहीं पड़ता,
बढ़ते रहे तो मंजिल नज़दीक आती है,
खाक हो जाते हैं वो जो
अपने हालातों को मानते हैं किस्मत अपनी,
हौंसले बुलंद हों तो किस्मते बदल जाती है।
बढ़ते रहे तो मंजिल नज़दीक आती है,
खाक हो जाते हैं वो जो
अपने हालातों को मानते हैं किस्मत अपनी,
हौंसले बुलंद हों तो किस्मते बदल जाती है।
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