जगत पालनहार है माँ Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps जगत पालनहार है माँ, मुक्ति का धाम है माँ, हमारी भक्ति का आधार है माँ, सबकी रक्षा की अवतार है माँ। Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
कई जीत बाकी हैं कई हार बाकी हैं कई जीत बाकी हैं कई हार बाकी हैं, अभी तो जिंदगी का सार बाकी है, यहाँ से चले हैं नई मंजिल के लिए, ये एक पन्ना था अभी तो किताब बाकी है। Read more
उम्मीदों के आगे टूट जाना अच्छा नहीं लगता उम्मीदों के आगे टूट जाना अच्छा नहीं लगता, किसी के सामने हाथ फैलाना अच्छा नहीं लगता, मुझे देने वालों की ही कतार में रखना मेरे मालिक, तेरे दर के सिवा कहीं सर झुकाना अच्छा नहीं लगता। Read more
दिल के बाजार में दौलत नहीं देखी जाती, दिल के बाजार में दौलत नहीं देखी जाती, प्यार हो जाऐ तो सूरत नहीं देखी जाती, एक ही इंसान पर लुटा दो सब कुछ, क्योंकि पसन्द हो चीज तो कीमत नहीं देखी जाती। Read more
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