मन को छोटा मत कर सम्मुख है आकाश
मन को छोटा मत कर सम्मुख है आकाश,
बस छूने को चाहिए थोड़ा सा विश्वास,
हर मंजिल मिल जाएगी गर ले मन में ठान,
क्षमता जो हम में छिपी उसको ले ठान।
बस छूने को चाहिए थोड़ा सा विश्वास,
हर मंजिल मिल जाएगी गर ले मन में ठान,
क्षमता जो हम में छिपी उसको ले ठान।
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