फिजा़ में महकती शाम हो तुम

फिजा़ में महकती शाम हो तुम,
प्यार में झलकता जा़म हो तुम,
सीने में छुपाये फिरते हैं हम यादें तुम्हारी,
इसलिए मेरी जिंदगी का दूसरा नाम हो तुम।

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