कशिश दिल की हर चीज भुला देती है

कशिश दिल की हर चीज भुला देती है,
बन्द आंखों में भी सपने सजा देती है,
सपनों की दुनिया जरूर रखना ऐ दोस्त,
क्योंकि हकीकत तो अक्सर रुला देती है।

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