सब में कमियां है यहाँ कोई बेहतरीन नही होता

 सब में कमियां है यहाँ कोई बेहतरीन नही होता

बात नज़रिऐ की है कोई चेहरा हशीन नहीं होता,,

जनाजे़ उठ चुके हैं इस कदर भरोसे के

कि अब कोई कसमें भी खाले फिर भी यकीन नहीं होता।।

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