तुझे देखे बगैर मुझे खुद का ऐहसास हुआ भी नहीं था
तुझे देखे बगैर मुझे खुद का ऐहसास हुआ भी नहीं था
तेरी इजाजत के बगैर तुझे छुआ भी नहीं था,,
और आसमां को छोड़ा तो ये जमीं रह गयी थी
चल बता मेरी मुहब्बत में कहाँ कमी रह गयी थी।।
तुझे देखे बगैर मुझे खुद का ऐहसास हुआ भी नहीं था
तेरी इजाजत के बगैर तुझे छुआ भी नहीं था,,
और आसमां को छोड़ा तो ये जमीं रह गयी थी
चल बता मेरी मुहब्बत में कहाँ कमी रह गयी थी।।
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