अगर तुम ताज भी रख दो सर पर हुकुम रानी का
अगर तुम ताज भी रख दो सर पर हुकुम रानी का
नहीं होता खुश कभी भी दिल जनानी का,,
मैं उसके लिए चाँद तारे तोड़कर लाया तो वो कहने लगी
यह वो तारे नहीं जो तोड़कर लाया था शौहर फलानी का
अगर तुम ताज भी रख दो सर पर हुकुम रानी का
नहीं होता खुश कभी भी दिल जनानी का,,
मैं उसके लिए चाँद तारे तोड़कर लाया तो वो कहने लगी
यह वो तारे नहीं जो तोड़कर लाया था शौहर फलानी का
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