खुशियाँ मिल ही जाएंगी एक दिन रोते-रोते ही सही, कमजोर दिल के हैं वो जो हँलने की सोचते ही नहीं, पूरे होंगे हर वो ख्वाब जो देखे हैं अंधेरी रातों में, ना समझ हैं वो जो डर से पूरी रात सोते ही नहीं।
रोयें हैं बहुत तब जरा करार मिला है, इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है, गुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर से, एक खत्म हुआ तो दूसरा तैयार मिला है।
रात की चाँदनी से माँगता हूँ सुखद सवेरा, सूरज के तेज से माँगता हूँ मन का सवेरा, दौलत-शोहरत से ताल्लुक नहीं है मेरा, चाहिए हर पल अपनों का मुस्कुराता चेहरा।
आखिर क्यों मुझे तुम इतना दर्द देते हो, जब भी मन में आये क्यों रूला देते हो, निगाहें बेरूखी हैं और तीखे हैं लफ्ज़, ये कैसी मोहब्बत है जो तुम मुझ से करते हो।
कदम छोटे हों तो कोई फर्क नहीं पड़ता, बढ़ते रहें तो मंजिल नजदीक आती है, खाक हो जाते हैं वो जो अपने हालातों को मानते हैं किस्मत अपनी, हौंसले बुलंद हो तो किस्मतें बदल जाती हैं।